Tuesday, October 26, 2010

मामी के साथ मिल कर पहली मूठ मारी

दोस्तो ये  कहानी जो मे आप को बताने जा रहा हूँ ये ऐक सच्ची घटना है|
 उन दीनो की बात है जब मेरी उमर कोई 15 साल का थी, स्कूल की छुट्टियो मे हम अपनी नानी के घर जया करते थे और इस बार भी हम वहा गये मेरा मामा ओर मामी भी वही पर रहते है| मामा फोज में है तो उसे बाहर ही रहना पङता है| मामी मुझ से बहोत प्य्यर करती है| कई बार हम ऐक साथ ही सो जाते है| लेकिन इस बार जब मे रात को सो रहा थे तो लाइट चली गई गर्मी के कारण में उपर च्ला गया ओर सो गया अचानक रात को मुझे अजीब सा महसूस हुआ जेसे कोई मारी निकर मे हाथ डाल कर मेरे लंड को सहला रहा है| पहली बार ऐसा ऐहसास हुआ था में डर गया ओर वेसे ही लेटा रहा| वो मेरी मामी थी जो ना जाने मेरे साथ कर लेट गई थी अब शायद उस को मामा की कमी महसूस हो रही थी जो की मेरे साथ पूरी करना चाहती थी उस का हाथ मेरे लंड को धीरे धीरे सहला रहा थी जो की मुझे बहोत अच्छा  लग रहा था और मज़ा भी रहा था में भी कभी कभी नहाते समय अपने लंड को ऐसे ही सहलाता हू लकिन आज मामी का नरम नरम हाथ मेरे लंड को हिला रहा था उस का मज़ा कुछ अलग ओर ज़यादा था | में अभी सोच ही रहा था की मामी एसा कयो कर रही है अचानक मेरे मूह से ऐक सिसकारी निकली कायों की अचनाक मामी ने मारे लंड का मास अपने हाथ से ऐक दम उपर कर दिया ओर मारे लंड का सुपरा बाहर निकल दिया अब में ऐक दम उठ कर बेठ गया ओर मामी को देखने लगा| मामी ऐक दम से ह्स्ने लगी ओर बोली क्या हुया में बोला मामी क्या करती हो दर्द होता है| अच्छा बाबा नही करती तू आराम से लेट जा वो बोली ओर मेरा मूह अपनी तरफ कर के मुझ को फिर सुला दिया| अब मेरा चेहरा मामी के दोनो मम्मो के बीच मे था जो की आधे से ज़यादा नंगे थे शायद आज मामी ने ब्रा नही पहनी थी ओर उस की कमीज़ का गला भी काफ़ी बड़ा था| मेरे लिए यह एक नई चीज़ थी ओर ना जाने क्यों मेरा लंड भी खड़ा हो गया था| जो की मामी की चूत को छू रहा था मामी ने अचनाक कहा आज तो बड़ी गर्मी है हवा भी नही चल रही उफ़ ओर उसने अपनी कमीज़ उतार दी अब उस के दोनो बड़े बड़े  ऐक दम गोरे मममे मेरे सामने बिना कपड़ो के थे ये मारे लिया एक दम नया एक्सप्रीयेन्स्स था ओर मेरा लंड एक सॅप की तेरहे फुफ्कार रहा था| मामी जो की मेरे लंड का स्पर्श महसूस कर रही थी बोली बॉब्बी तूँ भी अपने कपड़े उतार दे आज बड़ी गर्मी है ओर उसने आप ही मारी कमीज़ को उतरना शुरू कर दिया फिर मारी बानयन भी उतार दी अब में सिर्फ़ एक निकर मे था ओर मामी ने सिर्फ़ सलवार पहन रखी थी वो भी उस की कमर से काफ़ी नीचे हो गयी थी मूझे आधा नंगा कर के अपने साथ लिटा लिया अब उसकी दोनो चुचिया मारी छाती के साथ टकरा रही थी उसने अपना एक हाथ मेरी पीठ पर ला जा कर मुझे अपने साथ इस  तरहा से ज़ोर से भिज लिया की उस के दोनो चुचे मारी छाती से चिपक गये ओर उस के मूह से ऐक मीठी सी सिसकी निकली जो की इतनी सेक्सी थी की मत पूछो ओर मेरा लंड ऐक दम आसमान को छूने लगा ओर मामी ने एक हाथ मेरी नेकार मे डाला ओर मेरे लंड को मूठी मे ले कर ज़ोर ज़ोर से मूठ मरने लगी मे डर गया ओर बोला मामी मत करो ना लकिन अंदर से बड़ा मज़ा भी रहा था| मामी ने ङट कर कहा चुप कर ओर लेटा रह मे चुप हो गया लकिन जो मूठ मरवाने का मज़ा रहा था उसके कारण मेरे मुह से आह आह सी सी सी की हल्की हल्की आवाज़े रही थी ओर मामी भी हल्के हल्के से सी सी कर रही थी फिर उसने अपनी एक चुचि मेरे मूह मे डाल दी जिसको की में हल्के हल्के चूसने लगा मामी की आवाज़ अब ओर तेज हो गयी थी ओर वो मेरे होठ अपने होठो मे ले कर चूसने लगी अब वो बोल रही थी बॉब्बी तू मेरा सब से प्यारा बचाचा है मेरा सारा धूध तू ही पिएगा , ज़ोर ज़ोर से पी तू तो मेरा सब से लाड़ला हे ना ओर उसने मेरा सिर पकड कर ज़ोर से अपनी चुचि मे दबा दिया ओर मेरा  एक हाथ  पकड कर अपनी सलवार जो की पहले से ही नीचे हो गयी थी उस के अंदर डाल दिया ओर ये क्या उसने तो पेंटी भी नही डाल रखी थी ओर तो ओर उस की चूत पर एक भी बाल नही था | जेसे ही मेरा हाथ उस की चूत पर गया उस के मुह से एक लंबी आह निकली उस की चूत एक दम गरम लोहे की तेरहे त्पे जा रही थी ओर पानी पानी हो रही थी एक दम गरमा गरम| अब सीन कुछ ऐसा था उस का एक हाथ मेरे लंड पर था जो की ज़ोर ज़ोर से मूठ मार रहा था, दूसरा हाथ मेरे हाथ को पकड़ कर उसने अपने चूत पर रखा था ओर ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत को मेरे हाथ से मसलवा रही थी, उसकी चुचि मेरे मूह मे थी में उसे चूस रहा था ओर दूसरे हाथ उस की दूसरी चुचि के ज़ोर ज़ोर से दबने मे लगा था हम दोनो सब कुछ भूल कर बस अपनी अपनी हवस को ठंडा करने मे लगे थे अब हमारी हल्की हल्की आवाज़ो से वो सुहानी रात गूँज रही थी मेरा बॉब्बी ब्ब्ब्बबी ज़ोर से कर ना सी सस्ससी ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबबी उह
उह उह मेरा बाब्ब्ब्ब्ब्बबबी ज़ोर लगा ज़ोर से चूस ओर ज़ोर से आज तू मेरा सारा धुध पी ले , फिर उसने मेरे हाथ की एक उगली सीधी की ओर अपनी चूत मे डाल दी ओर मेरे हाथ को आगे पीछे करने लगी अब में समझ गया ओर अपने आप ही अपनी उंगली को जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा अब वो अपने चूतड़ यानी अपनी मोटी गाड़ को भी हिलाने लगी थी ओर आगे पीछे करने लगी हमारी चारपाई की आवाज़ आनी शुरू हो गई थी इसलिय वो थोडा संभाल गई ओर अपनी गान्ड को धीरे धीरे हिलने लगी सी सी सी सस्स्स्ससी की आवाज़ भी हल्की हो गई थी| उस के मूठ मरने से मेरे लंड का बुरा हाल था ओर वो गीला होना भी शुरू हो गया था अचानक उसने मूठ मरने की रफ़्तार बड़ा दी मुझे बहुत मज़ा आने लगा मेने भी अपनी उंगली तेजी से अंदर बाहर करनी शुरू कर दी ओर बस एक सकिंड मे मेरे लंड ने एक लंबी ओर गरमा गरम फुहार छोड़ी जो की मुझे अभी तक याद है वो मेरी निकर की साइड से बाहर निकल कर मेरी जाघौ से मेरे घुटनो तक गई थी ओर एक ज़ोर की आहsss uhhh निकली जो की मेरे आनंद की चरम सीमा थी ओर उसी समय मेरा हाथ जो की मामी की चूत को चोद रहा था गरम पानी से भर गया ओर मामी ने मुझ को पूरी ताक़त से अपने सिने से लगा लिया ओर एक जोरदार झटके से कांप गई फिर हम काफ़ी देर तक यूही लेटे रहे| थोडि देर बाद मामी उठी अपनी कमीज़ पहन कर बोली ,किसी से कूछ मत कहना मारे पास तुम्हारे लिए एक गिफ्ट है जो में तुम्हे सुबह दुगी. ओर मेरे होठो पर एक किस कर के चली गई | शरम ओर डर मेरे में उठा, बाथरूम मे गया अपना लंड धोया निकर चेंज की ओर सो गया| सुहबे मामी को देख कर में नज़ारे नही मिला पा रहा था| लकिन मामी ने बेशार्मो की तरहे मुझे देख कर मुस्कुरई ओर सब के सामने एक गिफ्ट पेक दिया ओर किस कर के बोली, ये तो मेरा सब से लाड़ला है|
तो दोस्तो ये थी मेरी सब से पहली मूठ जिस को मेरी सग़ी मामी ने मारा था ओर मेने भी पहली मूठ अपनी मामी की मारी| आज तक में उस रात को याद कर के मूठ मरता हूँ|  कुछ  समय बाद मेरे मामा की ट्रान्स्फर असम मे हो गई ओर वो मामी को ले कर वही चले गये